क्या आप भी अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान हैं?

The objective of the RMN Foundation campaign is to inform students and parents that the education system in India’s schools and colleges is totally flawed.
The objective of the RMN Foundation campaign is to inform students and parents that the education system in India’s schools and colleges is totally flawed. Click the photo to visit the campaign page.
क्या आप भी अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान हैं?
यदि आप अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान है, तो आप अकेले नहीं हैं। आज भारत में अधिकतर माता–पिता अपने बच्चों की पढ़ाई की बिगड़ती हालत से इतने चिंतित हैं कि रात–रात भर सो नहीं सकते।
इसका सबसे बड़ा कारण है भारत में पढ़ाई का गिरता स्तर और माता–पिता की पढ़ाई को लेकर लापरवाही और अज्ञान।
क्या आप जानते हैं कि…
1. स्कूल की पढ़ाई इतनी बेकार है कि स्टूडेंट्स के भविष्य में काम नहीं आएगी।
2. स्कूल का पाठ्यक्रम इतना पुराना और घिसा–पिटा है कि उसे पढ़ने के बाद भी स्टूडेंट अनपढ़ ही माना जाता है।
3. स्कूल के टीचर भी पढ़ाने के योग्य नहीं हैं। स्कूल में टीचर मोबाइल फ़ोन पर या तो फ़िल्मी गाने सुनते हैं, या इधर–उधर की गप्पें मारते हैं, या क्लास में आते ही नहीं। उनका मतलब सिर्फ अपनी तनख्वा (salary) से है।
4. बच्चों को परीक्षा पास किए बिना अगली क्लास में करना स्कूलों का धोखा है।
5. टीचर और भी बेईमान और धोखेबाज हैं जो क्लास में तो पढ़ा नहीं सकते, लेकिन परीक्षा में स्टूडेंट्स को खुले आम नक़ल करवाते हैं।
6. स्कूल टीचर क्लास में पढ़ाने की बजाए बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन के दलदल में धकेल देते हैं।
7. स्कूल और ट्यूशन के बाद भी जो स्टूडेंट दसवीं (10th) या बारहवीं (12th) क्लास भी पास कर लेता है उसे पहली क्लास की पढ़ाई भी नहीं आती। स्कूलों में धोखा है।
8. ऐसे दसवीं और बारहवीं तक के स्टूडेंट न तो अच्छी तरह हिंदी भाषा जानते हैं न गणित। और इंग्लिश भाषा में तो बहुत ही बुरा हाल है। कुछ तो ठीक तरह से बोल भी नहीं पाते। क्या यह है पढ़ाई?
9. स्कूलों की किताबें भी इतनी घटिया हैं कि उनका कोई सिर–पैर ही नहीं।
10. स्कूलों के स्टूडेंट तो पहले ही नालायक हैं, ऊपर से ऐसी बेतरतीब किताबों के साथ तो उनका सर्वनाश हो जाएगा – और हो रहा है।
11. सभी स्टूडेंट्स को एक सी बेकार शिक्षा के खूंटे से बाँधा जा रहा है जबकि मानविकी विषयों (humanities subjects) और साइंस / टेक्नोलॉजी विषयों (science, technology, engineering, and math – STEM subjects) की पढ़ाई , किताबें. और टीचर बिल्कुल अलग होने चाहिए।
12. सरकारी और प्राइवेट स्कूलों का एक सा ही बुरा हाल है।
13. स्कूल की पढ़ाई के बाद कॉलेज में दाखिला बहुत मुश्किल या असंभव है।
14. कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद भी नौकरी नहीं है क्योंकि स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई इतनी दिशाहीन है कि यह आपको एक अच्छी नौकरी करने के योग्य नहीं बना सकती।
15. कुछ लोग कॉलेज की पढ़ाई के बाद छोटी–मोटी नौकरी पर लग जाते हैं, लेकिन यह नौकरी एक गुलामी जैसी है जिससे इन लोगों को हररोज नई मुश्किलों का सामना करना पडता है। और बहुत तो छोटी उम्र में ही तनाव के कारण बुरी तरह बीमार हो जाते हैं।
16. कॉलेज की पढ़ाई के बाद कुछ स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षा (competitive exam) के द्वारा नौकरी लेने की कोशिश करते हैं लेकिन यह आग पर चलने जैसा मुश्किल है क्योंकि लाखों स्टूडेंट्स कोशिश करते हैं और बहुत कम – न के बराबर – चुने जाते हैं। बेरोज़गारी एक ख़तरनाक बीमारी की तरह फैली हुई है।
17. जो नेता आप को कहते हैं कि शिक्षा के स्तर में सुधार हो रहा है, वे आप से सरासर झूठ बोल रहे हैं ताकि आप उन्हें वोट डालते रहें। शिक्षा का स्तर गिर रहा है।
18. सरकारी अधिकारी जिनको शिक्षा में सुधार करना है, वे सोए हुए हैं और दफ्तर में सिर्फ अपनी सैलरी के लिए आते हैं। उन्हें शिक्षा से कुछ मतलब नहीं। और वे शिक्षा का मतलब समझते भी नहीं।
19. बच्चों को शिक्षा का अधिकार नहीं बल्कि स्कूल की बिल्डिंग में जाने का और उसमे मुफ्त खाना खाने का अधिकार है।
20. अब स्कूल की पढ़ाई से लोगों का विश्वास इस तरह से उठ चुका है कि वे छोटी उम्र में बच्चों की पढ़ाई छुड़वा कर या तो उनकी शादी कर देते हैं या थोड़े पैसों के लिए उनसे मज़दूरी करवाते हैं।
21. बहुत से युवक और युवतियां पढ़ाई बीच में छोड़ कर या तो नशीली दवाईयाँ लेना शुरू कर देते हैं या और बुरी आदतों का शिकार हो जाते हैं – जैसे चोरी, लूट–खसोट, मार–पीट, आदि।
22. जो नेता भारत की युवा शक्ति का नारा लगाते हैं उन्हें यह पता है कि ऐसे अनपढ़ और दिशाहीन युवक और युवतियां एक उस टाइम बम्ब की तरह हैं जो भारत का विनाश करने के लिए तैयार है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण युवक और युवतियां द्वारा भारत में बढ़ते विरोध प्रदर्शन हैं।
23. जो लोग यह सोच कर संतुष्ट हैं कि वे अपने बच्चों को स्कूल तो भेज रहे हैं, वे अपने आप को भी और अपने बच्चों को भी धोखा दे रहे हैं। स्कूल में पढ़ाई किसी काम की नहीं है।
यदि आप बच्चों की शिक्षा के बारे में और जानकारी चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक्स को कलिक करें।
[ Why Are Most Degree Holders Unemployed in India? ]
[ Education Dilemma: Let Us Save the Lives of Our School Children ]
तो क्या है इन बिगड़ते हालात को ठीक करने का उपाय?
1. हम सब को मिल कर इन हालात को ठीक करना है।
2. आप अपने आप से सवाल कीजिये कि – यदि स्कूल अच्छी पढ़ाई नहीं दे सकते तो आप अपने बच्चों को स्कूल क्यों भेज रहे हैं?
3. आप के बच्चों को आधुनिक वैकल्पिक पढ़ाई (modern alternative education) की जरूरत है।
4. आधुनिक वैकल्पिक पढ़ाई बच्चों को शिक्षा के साथ–साथ कौशल दे सकती है जिससे उन्हें अच्छी नौकरी लेने में आसानी होगी।
5. सरकारी नौकरियाँ न के बराबर हैं। बढ़ी कंपनियों में नौकरियाँ हैं लेकिन उन नौकरियों के लिए आधुनिक पढ़ाई चाहिए जो आम स्कूल और कॉलेज नहीं दे सकते।
6. आज के आधुनिक युग में नौकरी के लिए डिग्री से ज्यादा कौशल और योग्यता की जरूरत है – जो वैकल्पिक पढ़ाई (alternative education) दे सकती है क्योंकिं ऐसी पढ़ाई का पाठ्यक्रम नौकरी की जरूरत को ध्यान में रख कर बनाया जाता है।
ऐसी ही एक आधुनिक वैकल्पिक पढ़ाई (modern alternative education) का मुफ्त केंद्र है RMN Foundation School जिसे अभी सिर्फ एक व्यक्ति – राकेश रमन – बिना किसी सहयोग के चलाने की कोशिश कर रहा है। आप उससे मिल सकते हैं और अपने बच्चों की शिक्षा के बारे में बात कर सकते हैं।
आप सब का भला हो। धन्यवाद।
आपका साथी
राकेश रमन
योग्य बच्चों के लिए आधुनिक पढ़ाई का मुफ्त स्कूल

RMN Foundation offers free modern education to deserving children. It is an educational and public charitable Trust registered with the Government of National Capital Territory of Delhi at New Delhi, India.

Website: www.rmnfoundation.org

 

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