दिल्ली स्कूल स्टूडेंट्स और माता-पिता का पत्र प्रिंसिपल को – शिक्षा प्रणाली में सुधार करो

स्कूल की बिल्डिंग स्कूल नहीं है। स्कूल का अर्थ तो स्कूल की पढ़ाई है, जो किसी स्कूल में नहीं हो रही। Photo by Rakesh Raman
स्कूल की बिल्डिंग स्कूल नहीं है। स्कूल का अर्थ तो स्कूल की पढ़ाई है, जो किसी स्कूल में नहीं हो रही। Photo by Rakesh Raman

दिल्ली स्कूल स्टूडेंट्स और माता-पिता का पत्र प्रिंसिपल को – शिक्षा प्रणाली में सुधार करो

दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता स्कूल में पढ़ाई की बिगड़ती हालत से इतने चिंतित हैं कि रात–रात भर सो नहीं सकते। लोगों का मानना है कि दिल्ली सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार करने की बजाए स्कूलों में कमरे बढ़ाती जा रही है।

पिछले दो साल में RMN Foundation हज़ारों स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता से मिलने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है और सरकार हाथ पर हाथ रख कर बैठी हुई है। इसलिए स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता की चिंता और भी बढ़ गई है।

इसीलिए करीब तीन महीने पहले दिल्ली के एक स्कूल की सैंकड़ों छात्राओं और स्टूडेंट्स के माता-पिता ने एक सिगनेचर कैंपेन करके स्कूल प्रिंसिपल को शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए एक पत्र लिखा जिसे RMN Foundation ने स्पीड पोस्ट से प्रिंसिपल को भेजा। हालाँकि स्कूल प्रिंसिपल को जवाब के लिए 15 दिन का समय दिया गया और November 7, 2017 तक जवाब माँगा गया। लेकिन प्रिंसिपल और टीचरों के लिए शायद यह विषय महत्वपूर्ण नहीं है। प्रिंसिपल ने कोई जवाब नहीं दिया।

आप स्टूडेंट्स और माता-पिता का पत्र और RMN Foundation का पत्र नीचे पढ़ सकते हैं। RMN Foundation इस पत्र के बारे में और दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा प्रणाली में सुधार के बारे में जल्दी ही अपना अगला प्रोग्राम घोषित करेगा। दिल्ली के सब स्कूल स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता से अनुरोध है कि वे शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए RMN Foundation को सहयोग दें। धन्यवाद।


सेवा में,

श्रीमती प्रधानाचार्या जी (The Principal)
राजकिय उच्चतर कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय
सेक्टर – 3, फेज – 3, द्वारका, नई दिल्ली – 110 078

विष्य: शिक्षा का गिरता हुआ स्तर और उसमें सुधार का सुझाव

अगस्त 8, 2017

महोदया,

हम आपके स्कूल की छात्राएं हैं। इस पत्र के द्वारा हम आपसे स्कूल की शिक्षा प्रणाली में पूरी तरह से सुधार करने का अनुरोध कर रही हैं | जब हम अपने चारों ओर देखती हैं तो स्कूल की शिक्षा के बाद अंधेरा ही अंधेरा दिखाई देता है। स्कूल की पढ़ाई के बाद कॉलेज में दाख़िला बहुत मुश्किल या असंभव है। कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद भी नौकरी नहीं है क्योंकि स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई इतनी दिशाहीन है कि यह हमें  एक अच्छी नौकरी करने के योग्य नहीं बना सकती।

शिक्षा का गिरता स्तर

स्कूल का पाठ्यक्रम इतना पुराना और घिसा–पिटा है कि उसे पढ़ने के बाद भी स्टूडेंट अनपढ़ ही माना जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पिछले 30 साल में भारत में कोई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति नहीं बनी। पिछली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में बनी थी। भारत की शिक्षा के गिरते हुए स्तर की बात अब सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में की जा रही है। उदाहरण के लिए वैश्विक मानव विकास सूचकांक (एच.डी.आई.) – Global Human Development Index (HDI) – में भारत का स्थान विश्व में बहुत नीचे यानि 130 नंबर पर आता है – जो एक चिंता का विषय है।

यहाँ तक कि भारत सरकार ने अपनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप 2016 (Draft National Education Policy, 2016) में भारत की शिक्षा व्यवस्था में इतनी कमियाँ बताई हैं कि कुछ लोग तो अपने बच्चों को स्कूल या कॉलेज में भेजना ही बंद कर देंगे। जो विषय हमें स्कूल में पढ़ाए जाते हैं, वे नौकरी लेने में सहायक नहीं हैं। सरकारी नौकरियाँ न के बराबर हैं। बढ़ी कंपनियों में नौकरियाँ हैं लेकिन उन नौकरियों के लिए आधुनिक पढ़ाई चाहिए जो आम स्कूल और कॉलेज नहीं दे रहे। आज के आधुनिक युग में नौकरी के लिए डिग्री से ज्यादा कौशल और योग्यता की जरूरत है। लेकिन ऐसा कौशल और योग्यता हमारी पढ़ाई का हिस्सा नहीं है। इसका परिणाम यह है कि जिसके पास डिग्री है, उसके पास नौकरी नहीं और जिसने नौकरी देनी है उसे योग्य लोग नहीं मिल रहे।

टीचर सिर्फ क्लास में आकर और इधर-उधर की बातें कर के अपने घर वापिस चले जाते हैं। उन्होंने न तो कभी इस पुरानी शिक्षा का हमारे कैरियर में महत्व समझाया और न ही इस पुरानी शिक्षा को बदलने की कोशिश की। इसका परिणाम यह है कि आज डिग्री वाले बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है और बेरोज़गारी एक ख़तरनाक बीमारी की तरह फैली हुई है। हालाँकि टीचर की यह ज़िम्मेदारी है की वह स्टूडेंट्स का कैरियर पाथ (career path) बनाए, लेकिन ऐसा किसी भी टीचर ने नहीं किया। इसका कारण यह है कि टीचरों को शायद खुद ही आधुनिक शिक्षा प्रणाली और कैरियर में उसके महत्व का ज्ञान नहीं है। तो कौन बताएगा हमें हमारे कैरियर के बारे में?

शिक्षा प्रणाली में सुधार

शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए हमारा सुझाव है कि आप पाँचवी कक्षा तक बच्चों को इंग्लिश, हिंदी, गणित, और कंप्यूटर की आधुनिक शिक्षा दें। केवल उन्हीं बच्चों को अगली कक्षा में करें जो परीक्षा पास करें। पाँचवी कक्षा के बाद शिक्षा को तीन भागों में बाँट दें। यह भाग हैं – आर्ट्स (Arts), कॉमर्स (Commerce), और स्टेम (STEM – Science, Technology, Engineering, and Math).

छठी कक्षा से दसवीं कक्षा तक बच्चों को उनकी योग्यता के अनुसार इन तीन में से किसी एक भाग में शिक्षा दें। उसके बाद दो साल इसी शिक्षा को नौकरी में उपयोग के लिए प्रायोगिक ट्रेनिंग दें। केवल उन्हीं बच्चों को अगली कक्षा में करें जो परीक्षा नक़ल से नहीं बल्कि अपनी योग्यता से पास करें। ऐसी नई शिक्षा प्रणाली के लिए नये अध्यापकों की आवश्यकता होगी जो स्टूडेंट्स को आधुनिक शिक्षा दे सकें। पुराने अध्यापकों को बदल कर स्कूल में नये अध्यापक रखने होंगे जिनकी सैलरी (salary) उनकी योग्यता और स्टूडेंट्स के परिणाम पर निर्भर होगी।

इस नई शिक्षा प्रणाली को लागू करने के लिए आप जल्दी से सरकार में भी बात करें। और जब तक यह नई शिक्षा प्रणाली लागू नहीं हो जाती, हमें पुराने पाठ्यक्रम से पढ़ाना बंद करें ताकि हम अपना समय स्कूल के बाहर आधुनिक वैकल्पिक पढ़ाई (modern alternative education) में उपयोग कर सकें।

इस बारे में आप अपना निर्णय सार्वजनिक और औपचारिक रूप से तुरंत स्कूल में घोषित करें।

धन्यवाद

आपके स्कूल की छात्राएं – अगस्त 8, 2017


बच्चों के माता-पिता का पत्र

शिक्षा का गिरता हुआ स्तर और उसमें सुधार का सुझाव

जैसा कि स्कूल की छात्राएं अपने अगस्त 8, 2017 के पत्र में कह रही हैं, हम बच्चों के माता-पिता उससे पूरी तरह से सहमत हैं। आज की स्कूल की पढ़ाई हमारे बच्चों के किसी काम नहीं आ रही। इसलिए शिक्षा प्रणाली में पूरी तरह से सुधार करके उसे तुरंत आधुनिक बनाया जाए ताकि नयी शिक्षा हमारे बच्चों को अच्छा इंसान बना सके और उन्हें अपनी जीविका कमाने और अच्छी नौकरी लेने में सहायता कर सके।

बच्चों के माता-पिता अगस्त 8, 2017


Letter from RMN Foundation to Principal

To

The Principal / Vice Principal
Government Girls Senior Secondary School
Site – 1, Sector 3, Phase III, Dwarka
New Delhi 110 078

Kind Attention: Ms. Usha Gupta, Vice Principal

October 23, 2017

Subject: Representation from students and parents to improve the education system in your school

Dear Madam,

I am a journalist and social activist. At present – along with my editorial work – I run a humanitarian organization RMN Foundation. This is about the enclosed 8-page representation – signed by hundreds of students and parents – which urges you to improve the quality of education in your school.

In this representation, the complainants have raised a number of critical issues that you need to address immediately. According to the students, the current quality of education is so bad that it is depriving them of their fundamental right to good education. They also complain that teachers in your school are not fully qualified to teach any subject that is required in the contemporary job market. They have urged you to replace all such teachers with properly educated teachers.

Students and their parents observe that in the current system there is no connection between education and students’ employability. And instead of taking steps to overhaul the education paradigm, teachers – who are mostly incompetent – are blindly following obsolete education models. Teachers never tried to set the career paths of students in order to make them employable while the ongoing archaic education is not useful for them.

In their representation, the students also have suggested a few remedial steps that you can take immediately. If you think you are not in a position to improve the education system in your school to the the entire satisfaction of the aggrieved students and parents, you should formally escalate their concerns to the higher authorities in the Education Department or the Delhi Government.

You are requested to take these remedial steps immediately because all your school teachers are being paid with public money. If your services are not acceptable to students and parents, you are not supposed to be holding your jobs.

In response to the enclosed representation, you are expected to:

  1. Create a new syllabus for your school students in different classes in consultation with the top employers in the contemporary job market.
  2. Create a suitable test for all the teachers in your school keeping in view the new syllabus and subjects that they are supposed to teach. If the teachers are not able to clear the test, you should recommend the termination of their services.
  3. Create the career path – along with the employment probability – of each student in different streams of education that you would impart in the new system.

You are also requested to send me your response – including the steps that you have taken to address the above issues – at the address given below within 15 days of receiving this letter. If the students and parents are not satisfied with your response, RMN Foundation will have to seek the right administrative and / or legal remedy to get necessary changes, including replacement of teachers, in your school and for which you will be personally responsible as the head of the school.

Important Note: Some students and parents who are participating in this education reform campaign fear that they may be threatened by you, the teachers, or others in your school for raising their voice against the dwindling education system. You are requested to take full precautions so that students’ and parents’ right to dissent is fully protected and they should not be intimidated or harmed covertly or overtly for participating in this or any future campaign against the flawed education system.

Request you to send me your response within 15 days – latest by November 7, 2017.

Regards

Rakesh Raman
Founder
RMN Foundation
463, DPS Apts., Plot No. 16, Sector 4
Dwarka, Phase I, New Delhi 110 078

Enclosed: 8-page representation signed by students and parents

RMN Foundation is a not-for-profit organization that offers free modern education to deserving children. It is an educational and public charitable Trust registered with the Government of National Capital Territory of Delhi at New Delhi, India. Website: www.rmnfoundation.org

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