अरविन्द भाई – छोड़ो यह रोज की लड़ाई

अरविन्द केजरीवाल, दिल्ली का मुख्य मंत्री
अरविन्द केजरीवाल, दिल्ली का मुख्य मंत्री

अरविन्द भाई छोड़ो यह रोज की लड़ाई

 

अरविन्द भाई, अरविन्द भाई

क्यों कर रहे हो जनता को तंग

रोज छेड़ देते हो एक फालतू की जंग

आम आदमी की शांति तो कर दी तुमने भंग

अब तुम्हारे निशाने पर आ गए नज्जीब जंग

 

पहले तुमने अपनों से की लड़ाई

भूषण, यादव को बाहर की राह दिखाई

तुम्हारी तानाशाही को जनता भूल भी नहीं पाई

और तुमने दे दी फिर लड़ाई की दुहाई

 

जानते हो तुम सबसे क्यों होते हो नाराज़

क्योंकि तुम्हारे पास नहीं कोई काम काज

ऐसे बेकार घूमते जाओगे

तो दिल्ली के लिए कुछ न कर पाओगे

 

अगर करनी ही है तुमने लड़ाई

तो करो बढ़ते भ्रस्टाचार की सफ़ाई

और कम करो दिल्ली में महंगाई

नहीं तो जनता दे देगी तुम्हे बिदाई

 

अगर काम नहीं करने देती तुम्हें मोदी सरकार

तो लगा दो धरना मोदी के घर के बाहर

या दे दो एक बार फिर से इस्तीफ़ा

सिर्फ यही काम तो है तुमने सीखा

 

तुम और तुम्हारे ट्रेनी (trainee) मंत्री नहीं चला पाएंगे दिल्ली सरकार

क्योंकि तुम सब हो नौसिखिये, अनपढ़ या गँवार

अरविन्द भाई, कुछ तो हम पर रहम करो

दिल्ली छोड़ कर कहीं और जानेका प्लान करो

 

चुनाव जीतना और सरकार चलाना हैं दो अलग काम

और यह बात है बहुत आम

चुनाव तो यहाँ गधा घोड़ा भी जीत जाता है

पर कोई नेता सरकार नहीं चला पाता है

इसीलिए आज भी एक पिछड़ा देश है हिंदुस्तान

हर आम आदमी है यहाँ परेशान

 

हमने नहीं देखा एक दिन भी अच्छा 1947 की आज़ादी के बाद

क्योंकि तुम जैसे लीडरों ने कर दिया है देश को बरबाद

अब तो हमारी सुनो फर्याद

कर दो अपने चुँगल से हमें आज़ाद

कर दोगे न अरविन्द केजरीवाल?

 

राकेश रमन

 

This poem is part of our editorial initiative called REAL VOTER that covers political developments in India. Click here to visit REAL VOTER.

Photo courtesy: Aam Aadmi Party

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